क्या तुम्हे वो रात याद है?
कौन सी रात?
तुम फिर भूल गये!
ओह! ये तुम्हारे भूलने की बीमारी
खैर छोड़ो..
कल की अहमियत समझते हो न तुम!
कल क्या है?
उफ़!
बाबूजी की पुण्यतिथि है
ओह! हाँ याद आया.
काम का इतना दबाव है की...
बाबूजी को गुजरे दो साल हो गये क्या?
याद करने का समय नहीं मिला!
हुं!!!
माँ का फोन आया था.
क्या कहा?
गाँव बुला रही है !
पर छुट्टी नहीं मिलेगी.
बॉस से बात करता हूँ!
प्राइवेट नौकरी है
बार बार छुट्टी नही मिलेगी.
समझती हो ना...
हुम्म!!!!!!